
मकर संक्राति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। सूर्योपासना के साथ श्रद्धालु काला तिल, चावल, वस्त्र, अन्ना व अन्य वस्तुओं का दान करेंगे। शिवरीनारायण , देवरघटा सहित देवरी (केरा) में हसदेव व महानदी संगम स्थल में स्नान के लिए श्रद्धालुओंकी भीड़ उमड़ेगी। पहरिया देवरी में मकर संक्राति के दिन नदी तट पर मेला सा माहौल होगा। लोग स्नान दान के बाद नदी किनारे भोजन भी करेंगे। सुबह से शाम तक यहां श्रद्धालुओंकी भीड़ रहेगी। देवरी में केसला, नगारीडीह, केरा, मिसदा, खैरताल, तुलसी, भठली, बर्रा सहित आसपास के श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचेंगे।
श्रद्धालु नदी में स्नान कर सूर्योपासना करेंगे। इसी तरह शिवनाथ जोक और महानदी के संगम तट पर देवरघटा में भी श्रद्धालु मकर स्नान कर मारुति धाम में पूजा अर्चना करेंगे। आराध्य देव को तिल से बने लड्डुओं का भोग लगाकर पूजा की जाएगी। मकर संक्राति पर खिचड़ी का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान दान करने के बाद दोपहर के भोजन में खिचड़ी व सेमी की सब्जी खाने का महत्व है।
स्नान – दान का विशेष महत्व