पत्रकार सुरेन्द्र शर्मा की खबरें
पाटन विधानसभा। ग्राम झीट में सिन्हा सदन में आयोजित संगीतमय श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा के तीसरा दिन प्रह्लाद चरित्र, अजामल कथा, वाराह अवतार की कथा सुनाई गई। धर्म, अर्थ, कर्म व मोक्ष की महत्ता पर कथा आचार्य वीरेंद्र स्वरूप द्विवेदी चित्रकूट वाले ने विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सत्य, और असत्य कर्म है असत्य कर्म से पतन होता है, और नरक की तरफ व्यक्ति जाता है। सत्य से स्वर्ग में प्रवेश करता है, जहां सुख शांति मिलती है। उन्होंने प्रहलाद चरित्र में भक्ति की प्रधानता ईश्वर सिद्धि के रूप में बताते हुए कहा कि राजा हिरणाकश्यप खुद को भगवान समझता था। प्रजा को भगवान मानने के लिए दबाव डालता था, लेकिन हिरणाकश्यप का पुत्र प्रहलाद विष्णु को ही भगवान मानता था। प्रहलाद के इस भक्ति भाव से हिरणाकश्यप नाराज थे। एक दिन हिरणाकश्यप ने प्रहलाद से पूछा कि तुम्हारा भगवान विष्णु कहां रहता है। प्रहलाद ने एक खंभे की ओर इशारा करके कहा कि मेरा भगवान हर जगह है। कथा का श्रवण करने के लिए मुख्यमंत्री के सुपुत्र चैतन्य बघेल, ओएसडी आशीष वर्मा, जिला पंचायत सदस्य मोनू साहू ने आचार्य कथा व्यास से आशीर्वाद प्राप्त किया।
