बेटी बोझ नहीं सर का ताज है – डॉ. राजेंद्र फड़के

, बिलासपुर। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान बेटियों के लिए सराहनीय कार्य कर रही है। मातृ शक्ति की संकल्प शक्ति और कर्मठता के बिना कोई प्रगति और विकास संभव नहीं है। बेटी बोझ नहीं सर का ताज है। शक्ति स्वरुप है।
उक्त उदबोधन प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय बिलासपुर की मुख्य शाखा पुराना बस स्टैंड रोड स्थित राजयोग भवन में पधारे “बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ” के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. राजेंद्र फड़के जी ने कहा। डॉ. राजेंद्र फड़के जी ने ब्रह्माकुमारीज़ की प्रशंसा करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संगठन सराहनीय सेवाएं कर रहा है। अध्यात्म से ही दुनिया में बदलाव आएगा। अध्यात्म हमारे मन और आत्मा को पावन बनाता है। यहाँ आकर जिस दिव्यता और अलौकिकता का अनुभव हुआ, उसे शब्दों में नहीं कहा जा सकता। यहां इतना पवित्र वातावरण है कि आने मात्र से व्यक्ति चिंतामुक्त हो जाता है। मातृ शक्तियां इस संस्था का सफल संचालन करते हुए सम्पूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति और श्रेष्ठ समाज की स्थापना का पुनीत कार्य कर रही हैं।
राजयोग भवन की संचालिका बीके स्वाति दीदी जी ने ब्रह्माकुमारीज़ की सेवाओं के बारे में बताते हुए कहा कि बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ और नारी के उत्थान के संकल्प के साथ उसे समाज में खोया सम्मान दिलाने, भारत माता, वंदे मातरम की गाथा को सही अर्थों में चरितार्थ करने वर्ष 1937 में उस जमाने के हीरे जवाहरात के प्रसिद्ध व्यापारी दादा लेखराज कृपलानी ने नारी सशक्तिकरण की नींव रखी। नारी उत्थान को लेकर उनका दृढ़ संकल्प ही था कि उन्होंने अपनी सारी चल-अचल संपत्ति बेचकर एक ट्रस्ट बनाया और उसमें संचालन की जिम्मेदारी नारियों को सौंप दी। इतने बड़े त्याग के बाद भी खुद को कभी आगे नहीं रखा। ब्रह्माकुमारीज संस्थान नारी शक्ति द्वारा संचालित दुनिया का सबसे बड़ा और एकमात्र संगठन है। यहां मुख्य प्रशासिका से लेकर प्रमुख पदों पर महिलाएं ही है जो नारी सशक्तिकरण का यह सबसे बड़ा उदाहरण है। संगठन की सारी जिम्मेदारियों को बहनें संभालती है और भाई उनके सहयोगी के रूप में साथ निभाते है।
कार्यक्रम में “बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ” प्रदेश संयोजिका विभा राव जी, PAC रेल्वे बोर्ड विभा अवस्थी जी, शिखा तिवारी, सीमा पांडेय, लायंस क्लब एम्बेसडर डॉ कमल छाबड़ा, राजेश मिश्रा, स्मृति जैन,एडवोकेट मनीष कश्यप आदि उपस्थित थे। अंत में बीके स्वाति दीदी एवं बीके संतोषी दीदी ने सभी को ईश्वरीय सौगात दी।

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