राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ द्वारा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय व उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात कर अपनी समस्या से अवगत कराया

वर्तमान में समस्त अभिलेख ऑनलाइन हो चुके हैं।तकनीकी जटिलता एवं नियमो के कारण पटवारियों का कार्य बहुत ही सीमित है। पटवारियों के हल्का मुख्यालयों में कार्यालय नही है, जहाँ कार्यालय पूर्व में बने हुए थे वो अत्यंत जीर्ण शीर्ण हो चुके हैं। कार्यालय भवन उसमे आवश्यक फर्नीचर टेबल कुर्सी आदि शासन द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।कृषकों को भूमि विक्रय करने हेतु पूर्व में बिक्री नकल की आवश्यकता होती थी किंतु शासन द्वारा इसे बन्द करा दिया गया है। कुछ जिलों में सीधे ऑनलाइन अभिलेख के आधार पर ही विक्रय पंजीयन किया जा रहा है कुछ जिलों में पटवारियों से चौहद्दी विवरण दर्ज करवाया जाता है। कृषकों के लिए भुइयां सॉफ्टवेयर में नागरिक सुविधा भी उपलब्ध हैं जहाँ से कृषक नामांतरण बटवारा फौती आदि कार्य हेतु आवेदन दे सकते है। पंजीयन कार्यालय अथवा नागरिक सुविधा से सीधे ऑनलाइन नामांतरण पंजी में प्रकरण दर्ज हो रहा है जिसमें पटवारी सिर्फ प्रतिवेदन देने का कार्य करते हैं, इश्तहार नोटिस जारी करना, आवश्यक बयान लेना आदि सभी कार्य तहसील में होता है, तहसीलदार के आदेश उपरांत ही पटवारी अभिलेख दुरुस्ती का कार्य कर सकते है।अभिलेख दुरुस्ती हेतु भी फिफो सिस्टम लागू है साथ ही समय सीमा निर्धारित है, जिसकी समीक्षा उच्चाधिकारियों द्वारा किया जाता है। पूर्व में हो चुके नामांतरण के आधार पर भी ऑनलाइन दुरुस्ती पटवारी द्वारा सीधे नही किये जा सकते हैं। यदि किसी कृषक का एक ही गाँव में एक ही धारणाधिकार में अलग अलग खाता बन गया है तो उसे भी एक खाता नही किया जा सकता है,इसके लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय में आवेदन देकर ही सुधार करवाया जा सकता है।इसी प्रकार से सामान्य त्रुटि जैसे नाम मे मात्रा त्रुटि उदाहरण यदि किसी का नाम राम है वह त्रुटिवश रामा हो गया है उसे भी पटवारियों को सुधारने का अधिकार नहीं है, इस प्रकार की सामान्य त्रुटि सुधार हेतु भी अनुविभागीय कार्यालय में प्रकरण दर्ज होगा, आदेश उपरांत ही आदेशानुसार सुधार पटवारी द्वारा किया जा सकता है। नक्शा बटांकन हेतु भी पटवारी द्वारा मौका जांच कर प्रतिवेदित किया जाता है, राजस्व निरीक्षक द्वारा अप्रूवल करने पश्चात ही नक्शा सॉफ्टवेयर में प्रदर्शित होता है। यदि नक्शा त्रुटि पूर्ण है उसमें भी सुधार करने का अधिकार पटवारियों को नही है। गिरदावरी उपरांत फसल की ऑनलाइन प्रविष्टि समय सीमा में पटवारियों द्वारा किया जाता है, समय सीमा उपरांत यदि किसी का फसल गलत प्रविष्ट हो गया है तो उसे भी पटवारियों द्वारा सीधे नही सुधारा जा सकता है।
उपरोक्त लागू नियमो और भुइयां सॉफ्टवेयर में उपलब्ध सुविधाओं से स्पष्ट है कि पटवारी सिर्फ प्रतिवेदक है,बिना आदेश के gf किसी भी कार्य को नही कर सकते हैं।स्वीकृत पटवारी हल्कों में कार्यरत पटवारियों की संख्या कम है, जिसके कारण रिक्त हल्कों का अतिरिक्त प्रभार भी पटवारियों को दिया गया है।विभागीय कार्यो के साथ साथ निर्वाचन, आगजनी, बाढ़, शिविर, मेला, वी आई पी प्रोटोकॉल आदि में भी पटवारियों से कार्य लिया जाता है।आय जाति निवास राशनकार्ड सत्यापन भूमि मापन आदि कार्यो को छोड़कर 90 प्रतिशत कार्य तहसील कार्यालय अथवा अनुविभागीय कार्यालय से होना है,इन सबके बावजूद किसानों द्वारा पटवारी मेरा काम नही कर रहा है जैसे शब्द शिविर में सुनाई देता है और कोप भाजन का शिकार भी पटवारी हो रहे हैं। जबकि यथार्थ भुइयां का क्रियान्वयन इसके विपरीत है ।

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