प्रथम सचिव पं. रेवा प्रसाद दुबे जी जैसे पूर्व पदाधिकारियों के कठिन परिश्रमों की देन है आज का आशीर्वाद भवनदुबे जी की पुण्यतिथि पर सादर स्मरण, नमन एवं पुष्पांजलि कार्यक्रम सम्पन्न

रायपुर। कान्यकुब्ज सभा-शिक्षा मंडल के प्रथम सचिव पं. रेवा प्रसाद दुबे जी को सादर स्मरण, नमन एवं पुष्पांजलि का कार्यक्रम आशीर्वाद भवन, रायपुर में आयोजित किया गया। समाज के अध्यक्ष, सचिव, पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्य एवं परिवार के सदस्यों द्वारा पं. रेवा प्रसाद दुबे जी छायाचित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्जवलित कर सादर स्मरण किया गया। इस अवसर अध्यक्ष पं. अरुण शुक्ल, सचिव पं. सुरेश मिश्र, पं. राजन मिश्र, पं. आनंद मिश्र, श्रीमती अर्चना मिश्रा (दुबे जी की नातीन), ने अपने उद्बोधन के माध्यम से दुबे जी की जीवनी पर प्रकाश डाला। पं. रेवा प्रसाद दुबे जी कान्यकुब्ज सभा-शिक्षा मंडल के प्रथम सचिव सन 1917 से 1942 तक रहे। इस कार्यक्रम के आयोजन के पूर्व पं. रेवा प्रसाद दुबे जी के संबंध में विस्तृत जानकारी व फोटो के लिए जब जानकारी एकत्र किया गया तब दुबे जी के बारे में बहुत सी बाते पता चली। उस समय में बिना सुविधा के समाज को चलाना बहुत बड़ी बात थी । उस समय सभी कार्य स्वयं को करने होते थे, जैसे-मीटिंग में दरी बिछाना, पानी पिलाना आदि। आज जो यह कान्यकुब्ज सभा-शिक्षा मंडल, का आशीर्वाद भवन, दिखाई दे रहा है, वह पं. रेवा प्रसाद दुबे जी जैसे पूर्व पदाधिकारियों की देन है। हम सब को उनके कार्यों से प्रेरणा मिलती है, हम सब को उन पर गर्व है। पं. रेवा प्रसाद दुबे जी का जन्म सागर, मध्यप्रदेश में पं. वृंदावन लाल दुबे जी के यहाँ हुआ। उनकी मैट्रिक तक की शिक्षा जबलपुर में हुई। दुबे जी के 12-13 साल की उम्र में उनके माता-पिता का देहांत हो गया। उनकी एक बहन भवानी देवी थी जिनका विवाह पं. रविशंकर शुक्ल जी के साथ हुआ था। दुबे जी अंग्रेजों के शासनकाल में पुलिस की नौकरी कर रहे थे। उनकी मेहनत और ईमानदारी को देखकर पं. रविशंकर शुक्ल जी उन्हें अपने साथ रायपुर ले आए। दुबे जी का विवाह भी उन्होंने करवाया था। पं. रविशंकर शुक्ल जी ने कहा कि अंग्रेजो की गुलामी मत करो जिसके बाद दुबे जी ने पुलिस की नौकरी छोड़ दी। उसके बाद वे पं. रविशंकर शुक्ल जी का व्यवसाय संभालने लगे, जिसमें एम.पी. ट्रांसपोर्ट में काफी लंबे समय तक कार्य किया। पं. रेवा प्रसाद दुबे जी की दो पुत्री श्रीमती कुसुम अवस्थी (वर्तमान कार्यकारिणी सदस्य अर्चना मिश्रा की माता), एवं श्रीमती सुमन उपाध्याय है। श्रीमती कुसुम अवस्थी जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने पिता जी का स्मरण एवं अपने संस्मरण सुनाए। सुमन उपाध्याय जी की पुत्री श्रीमती शालिनी अवस्थी एवं दामाद पं. संजय अवस्थी कार्यक्रम में उपस्थित रहें। इस अवसर पर आशीर्वाद इंग्लिश स्कूल स्थित एक कक्ष का नामकरण पं. रेवा प्रसाद दुबे जी की स्मृति में रखा गया है। कार्यक्रम का संचालन पं. रज्जन अग्निहोत्री ने किया।

कार्यक्रम में समाज के अध्यक्ष पं. अरुण शुक्ल, सचिव पं. सुरेश मिश्र, उपाध्यक्ष श्रीमती निशा अवस्थी, सहसचिव पं. रज्जन अग्निहोत्री, सहसचिव पं. गौरव शुक्ल, कोषाध्यक्ष पं. संतोष दुबे, महिला प्रभारी श्रीमती नीता अवस्थी पं. राजकुमार अवस्थी, पं. चंद्रभूषण बाजपेयी, पं. प्रकाश अवस्थी, पं. शशिकांत मिश्र, पं. रामकिशोर दीक्षित, पं. संजय दीक्षित, पं. आनंद मिश्र, पं. राजन मिश्र, पं. आर. एस. मिश्र, पं. अनुराग शुक्ल, पं. संजय अवस्थी, पं. विदोष कुमार द्विवेदी, पं. शारदा प्रसाद बाजपेयी, पं. शिरीष त्रिवेदी, पं. एस.एस.त्रिवेदी, पं. सुशील तिवारी, पं. प्रशांत कुमार तिवारी, श्रीमती सुधा शुक्ला, श्रीमती अर्चना मिश्रा, श्रीमती नीता मिश्रा, श्रीमती नीलिमा शुक्ला, श्रीमती अनुराधा मिश्रा, श्रीमती शालिनी अवस्थी, श्रीमती रीता पांडेय, श्रीमती अर्चना त्रिवेदी, श्रीमती कीर्ति अग्निहोत्री, श्रीमती गीता मिश्रा, श्रीमती संध्या मिश्रा, श्रीमती सीमा शुक्ला, श्रीमती रिचा शुक्ला, श्रीमती ममता मिश्रा, श्रीमती सरिता दीक्षित, श्रीमती श्रद्धा शुक्ला, श्रीमती अंजु पाण्डेय, श्रीमती रेखा त्रिवेदी, पं. एन.एल. शुक्ल, पं. मोहन दुबे, उपस्थित रहे।

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