राजस्व पटवारी संघ के प्रदेश स्तरीय  अनिश्चित कालीन आंदोलन का 32 वां दिन, कठिन परिस्थिति में भी जिला बिलासपुर के  पटवारी धरना में बैठे रहे*

बिलासपुर,छत्तीसगढ़ पटवारियों की अनिश्चित कालीन प्रदेश स्तरीय आंदोलन का आज 32वां दिन है, और मौसम का मिजाज बदल रहा है,आज का तापमान 44 डिग्री रहा और शाम हल्की बारिश भी हुई इन परिस्थितियों में भी पटवारी अपने आंदोलन को जारी रखकर अपनी मांगे जब तक पूरी नहीं हो जाती ,जारी रहने की बात कर रहे हैं, उधर शासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए पुलिस प्रशासन को भी पीछे लगा रखा है, कभी श्रमिक शेड,तो कभी ग्रीन गार्डन मैदान तो कभी कोन्हेर गार्डन में बैठकर प्रांतीय निर्णय का पालन कर रहे हैं, पटवारियों की मांग जायज है और बहुत छोटी छोटी है ,जिसमें पदोन्नति,वेतन विसंगति, संसाधन एवं भत्ता,स्टेशनरी भत्ता, मुख्यालय निवास की अनिवार्यता समाप्त किए जाने एवं योग्यता स्नातक, नक्सल क्षेत्र के पटवारियों को नक्सली भत्ता के संबंध में 9 सूत्रीय मांगे है। जिनके संबंध में वर्ष 2020 में 14 दिन का धरना किया जा चुका है, और राजस्व मंत्री द्वारा आश्वाशन भी दिया गया था कि आपकी मांगो को नए वर्ष के बजट में लेते हुए मांगे पूर्ण की जायेगी लेकिन,आज दिनांक तक लगभग 3 वर्ष व्यतीत होने के बाद भी पटवारियों की मांग यथावत बनी हुई है,
इस बार भी धरना प्रारंभ करने के पूर्व पटवारी गण द्वारा संचालक आयुक्त भू अभिलेख एवं सचिव राजस्व आपदा प्रबंधन के समक्ष ज्ञापन के माध्यम से अपनी बात रख चुके हैं,लेकिन शासन की सकारात्मक पहल नहीं होने के कारण इस आंदोलन की रूपरेखा बनाई गई और विधिवत सूचना प्रक्रिया के माध्यम से धरना आज दिनांक तक 32 दिन हो गए, दिनांक 07/06/23 को लगाए गए शासन द्वारा एस्मा कानून लगाए जाने के पूर्व सूचना या नोटिस जारी करने उपरांत एस्मा कानून लगाया जाना था लेकिन बिना सूचना एवं नोटिस के ही एस्मा कानून लगा दिया गया जो की गलत है, राज्य शासन को एस्मा कानून वापस लेते हुए पटवारियों की 9 सूत्रीय मांगो पर विचार करना चाहिए । आज के इस धरना आंदोलन में 11 तहसील 5 अनुविभाग सहित कुल 224 पटवारी उपस्थित रहे।यह जानकारी राजस्व पटवारी संघ जिला बिलासपुर के जिलाध्यक्ष देव कश्यप द्वारा दी गई।

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