कामाख्या मन्दिर लिंगियाडीह बिलासपुर में साधना रामशंकर शुक्ला द्वारा

आसाम गौहाटी में स्थित स्थित कामाख्या मन्दिर के बाद छत्तीसगढ़ बिलासपुर में स्थित श्री मनहरण यादव निज सहायक  महिला आयोग रायपुर  अपने परिवार के सहित विगत 40 वर्षो से कामाख्या देवी की पूजा एवम दोनों नवरात्रियों में विधि विधान से ज्योति कलश प्रजलवित करते आ रहे हैं*जो 13 वर्ष की उम्र में कामाख्या गए थे   **पूर्व में यह मंदिर छोटे रुप मे था लेकिन उनके द्वारा विगत वर्ष मंदिर का स्वयम जीर्णोद्धार कराया जाकर हैदराबाद से 7 टन की विशाल मूर्ति मंगवाकर प्राण प्रतिष्ठा कराई गई है जिसमे मन्दिर के प्रथम तल पर नव दुर्गा के नव स्वरूपों का भी मन्दिर स्थापित किया गया है आसाम में तो तांत्रिक सिद्धि के लिये बलि की प्रथा है किंतु यहां वैदिक रीति से पूरा यादव परिवार उत्साह सहित पूजा पाठ में तल्लीन रहता है यादव जी ने दस हजार लोंगो को भंडारा से भोजन कराने के संकल्प के साथ ही प्रति नवरात्रि में भंडारे का आयोजन किया जाता है*
   **इसी मंदिर में हस्त शिल्प विकास बोर्ड के सेवा निवर्त सरजुबाग़ीचा बिलासपुर निवासी श्री रामशंकर शुक्ल जी  द्वारा विगत 12 वर्षो से बहुत सीमित स्थान में मां दुर्गा की भक्ति एवम शक्ति के प्रभाव से दिन रात जलते हुए ज्योति कलश के मध्य 50 डिग्री से अधिक तापमान में भी उत्पन्न दिव्य ऊष्मा के मध्य बिना किसी अवरोध के दुर्गा शप्तशती का पाठ एवम मंत्रो सहित दुर्गा जी का स्तवन करते है*  **पण्डित रामशंकर का यह कथन प्रेरणादायक है कि मैं शब्द में अहम की भावना रहती है किंतु मेरे द्वारा शब्द अकर्ता की भावना** **इनका सुदर्शन चैनल गाजियाबाद द्वारा ज्योति कलश के मध्य लिया वीडियो को देश विदेश के बहुतों ने सराहा है* *जिसका लिंक है PT RAMSHANKAR SHUKLA NAVRATRI 2017**
**इनके द्वारा लिखी  प्रेरणादायक पुस्तक असम्भव के विरूद्ध को अमेजॉन द्वारा 5 स्टार की रेटिंग मिलने को ये उनकी कृपा मानते हैं*

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