बिलासपुर मध्य नगरी स्थित श्री शिशु भवन में एक बार फिर से एक अबोध बालिका को मौत के मुंह से खींचकर नया जीवन दिया है।

बिलासपुर मध्य नगरी स्थित श्री शिशु भवन में एक बार फिर से एक अबोध बालिका को मौत के मुंह से खींचकर नया जीवन दिया है। अंबिकापुर के सूरजपुर, प्रतापपुर मनिडांड गांव धरमपुर में रहने वाले किसान प्यारे सिंह और ललिता सिंह की 14 माह की मासूम बेटी सृष्टि सिंह 2 जून को घर में खेलते खेलते पानी से भरी बाल्टी में सर के बल गिर गई। उस वक्त पिता घर पर नहीं थे और मां कामकाज में व्यस्त थी। जब बच्ची नहीं दीखी तो दोनों ने उनकी तलाश की तो बेटी बाल्टी में अचेत अवस्था में डूबी हुई मिली। तत्काल उसे अंबिकापुर के होली क्रॉस अस्पताल ले जाया गया लेकिन मरणासन्न बच्ची की मौजूदा स्थिति को देखकर वहां के अस्पताल ने बच्ची को बिलासपुर रेफर कर दिया।

5 जून को प्यारे सिंह और ललिता सिंह अपनी 14 माह की मासूम बेटी की जिंदगी की लगभग हारी हुई बाजी जीतने के उद्देश्य के साथ श्री शिशु भवन पहुंचे ।

श्री शिशु भवन में न केवल कुशल चिकित्सक मौजूद है बल्कि बच्चों के इलाज के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा और अत्याधुनिक मशीने भी मौजूद है। यही कारण है कि 5 जून की सुबह श्री शिशु भवन पहुंचते ही मासूम सृष्टि सिंह का इलाज आरंभ हो गया। डॉक्टर श्रीकांत गिरी और अभिमन्यु पाठक की टीम ने PICU में रखकर बच्ची का इलाज आरंभ किया। बच्ची के फेफड़ों में पानी घुस जाने से संक्रमण फैल चुका था और फेफड़ा लगभग निष्क्रिय था, जिसका लंबा इलाज चला और अब बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हो चुकी है। खास बात यह है कि यहां यह इलाज आयुष्मान योजना के तहत की गई, इसलिए प्यारे सिंह को इलाज के लिए एक भी रुपए खर्च नहीं करना पड़ा।

जिस बेटी को दंपति ने लगभग खो ही दिया था, उस बेटी को श्री शिशु भवन में नवजीवन मिलने से माता-पिता के चेहरे पर अद्भुत संतोष और खुशी झलक रही है। संभव है कि एक-दो दिनों में सृष्टि सिंह को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाए।

घरों में अक्सर बच्चे खेलते हुए पानी से भरी बाल्टी में इसी तरह डूब जाते हैं, इस ओर ध्यान देने की अत्यंत आवश्यकता है, क्योंकि यह स्थिति जानलेवा हो सकती है। यह तो सृष्टि सिंह के साथ उसके माता-पिता का सौभाग्य था कि वे सही समय पर श्री शिशु भवन पहुंच गए जहां एक बार फिर सफल इलाज कर श्री शिशु भवन के कुशल चिकित्सकों ने एक बच्ची को नया जीवन दिया है। बच्ची के इलाज में कोई बाधा ना आए और पूरा इलाज आयुष्मान योजना के तहत हो इस दिशा में अस्पताल के प्रबंधक नवल वर्मा ने भी पूरी मानवीय संवेदना के साथ सहयोग किया, इसके प्रति भी प्यारे और ललिता सिंह ने आभार व्यक्त किया है।

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