
मन ही मन डॉक्टर बनने का लिया संकल्प पिता की याद को बनाया हथियार
आइये बात करते हैं डॉक्टर आशुतोष तिवारी जी से उनके जीवन के बारे में जानते है उन्होंने कहा पिता जी को दिल की बीमारी थी जगदलपुर छत्तीसगढ़ में पिताजी की पोस्टिंग थी सेल टैक्स अफसर थे जब मैं कक्षा 5 वी में पढ़ रहा था तो पिताजी की तबीयत खराब हो गई और इलाज के लिए अस्पताल लेकर गए तब डॉक्टर मिले पर ना ही अस्पताल में इलाज की सुविधा मिली ना अच्छा इलाज हो पाया जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष करते पिताजी हम सबको छोड़कर चले गए तब मानो दुःखो का पहाड़ आ गया यैसा लगा मानो दुनिया ही उजड़ गयी पिताजी के जाने से मन बहुत आहत हुआ आहत होने से जीवन में खाली अंधेरा दिखने लगा और ऐसा लग रहा था कि एक झटके में पूरी दुनिया खत्म हो गई फिर मां का चेहरा देखा और मन में अलग तेजस उत्पन्न हुआ और इस दौर में मैंने मन ही मन संकल्प कर लिया कुछ भी परिस्थिति आए कितना भी संघर्ष क्यों न करना पड़े मुझे डॉक्टर ही बनना है । पिताजी का चेहरा आंखों के सामने देखकर संकल्प किया और हर असंभव को संभव करने का प्रयास करता रहा और मेहनत रंग लाई पीएमटी में मेरा सेलेक्शन हो गया फिर भोपाल चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश मिला एमडी ग्वालियर मेडिकल कॉलेज से पास आउट हुआ फिर महादेव हॉस्पिटल के डॉक्टर आशुतोष तिवारी जी ने कहा कि अगर मन में संकल्प कर ले तो सफलता निश्चित रूप से मिलती है आपके मेहनत का फल जरूर आएगा व्यवस्थाएं भी अलग अलग होगी पर डरना नही है जिंदगी बदलेगी पर आप एक बात याद रखे हार नही मानना है धीरे-धीरे अपने मन से काम करते रहिए अवश्य ही कामयाबी मिलेगी और ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ कठिनाइयों को हथियार बना के लड़ता रहा फिर यहाँ तक पहुँचा आज भी मुझे हर वो संधर्ष याद है भूलता नहीं बताते हैं कि उसे दौर की एक-एक बातें को प्रतिदिन याद करता हूं और संकल्प लेता हूं कि जरूरतमंदों को हर संभव मदद करूंगा मददगार बनकर सामने खड़ा रहूंगा पिता की स्मृति को हर पल सजाए रखना और ईमानदारी कोशिश करना यही उनकी दिनचर्या है आगे भी इसी अंदाज से दिनचर्या रखना चाहते हैं आशुतोष तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा बिलासपुर में हुई 5वीं की पढ़ाई के दौरान जीवन में परिवर्तन आया तब पिताजी का हृदय की बीमारी से निधन हो गया समय से पहले चले जाने से जीवन में बड़ा परिवर्तन आया पिताजी चल दिए हैं मगर उनकी यादें जिंदगी भर मेरे साथ है हर पल मेरे साथ रहती है और वही मुझे जीवन में प्रेरणा प्रदान करती है संघर्ष का एक पल और भी याद आता है जब में एसटीडी पीसीओ में काम किया करता था दिन भर काम करके रात को पढ़ता था जो पैसे मिलते उससे बुक खरीदता था। तभी कहा गया है हर संघर्ष के पीछे एक कहानी रहती है आज एक नामी डॉक्टर के रूप में बिलासपुर में सेवा दे रहें है महादेव हॉस्पिटल जो अपने आप मे एक खासा नाम है।