श्राध्द, तर्पण और पिंडदान की महत्ता पितृ मोक्ष अमावस्या के अवसर पर कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज के द्वारा

रायपुर। सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के अवसर पर कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज के द्वारा समाज के सदस्यों एवं परिजनों के यहां जो सदस्य दिवंगत हो गए या जिनका आकस्मिक निधन हो गया उनका सामूहिक श्रद्धांजलि का कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस सामूहिक शांति पाठ एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पूज्य डॉक्टर इंदुभवानंद जी एवं ज्योतिषाचार्य पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी जी उपस्थित रहे। श्रद्धांजलि सभा में सर्वप्रथम दीप प्रज्जवलित कर दिवंगत आत्माओं के लिए प्रार्थना की गई । तत्पश्चात उपस्थित शोक संतप्त परिवारों एवं समाज के प्रबुद्ध जनों की उपस्थिति में अध्यक्ष अरुण शुक्ल ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि, हम यह परंपरा पितृपक्ष अमावस्या में सामूहिक श्रद्धांजलि जो कर रहे हैं इसमें हमारे अपने प्रियजन जो हमारे बीच नहीं है उनके प्रति श्रद्धा भाव रखते हुए हम भगवान से प्रार्थना करते हैं की दिवंगत आत्मा को भगवान अपने चरणों में स्थान दें और परिवार जनों को संबल प्रदान करें। विगत वर्ष जब कोरोना महामारी में बहुत से सदस्य नहीं रहे उस समय उनकी अंत्येष्टि में दुर्भाग्य से कोई शामिल नहीं हो सका था उस वक्त हम ने इस परंपरा की शुरुआत की और इस मेल-मिलाप से सम्बल और एक-दूसरे के प्रति प्रेम और एकता स्थापित हुई । इंदुभवानन्द जी ने कहा कि पितृ पक्ष का अत्याधिक महत्व है और इसका नियम से पालन सभी को करना चाहिए यदि पितृ संतुष्ट होते हैं तो परिवार में सुख शांति और समृद्धि आती है । परिवार का एक तरह से रक्षा कवच पीतर ही होते हैं, इसलिए पितरों के प्रति श्रद्धा भाव रखते हुए सदैव दान और सेवा करते रहना चाहिए पितृपक्ष में दान का अत्यधिक महत्व है इसलिए दान हर व्यक्ति को करना चाहिए ।
पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी जी ने कहा कि पितरों के लिए तर्पण श्रद्धा और पिंडदान अत्यंत आवश्यक है, तर्पण से पीतर तृप्त होते हैं, पिंडदान से उन्हें भोजन मिलता है और श्राद्ध और दान दक्षिणा से शांति मिलती है और वे संतुष्ट होते हैं । हमारे समाज में यह संस्कार बहुत सोच समझकर डाला गया है और हम सबको इसका नियम से पालन करना चाहिए । देव तर्पण, ऋषि तर्पण और पितृ तर्पण नियमित करना चाहिए ।
आज इस आयोजन की मैं सराहना करता हूं, जहां सामूहिक रूप से उपस्थित होकर हम दिवंगत आत्माओं के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं ,पाठ कर रहे हैं । कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज का यह प्रयास बहुत सराहनीय है ।
सचिव सुरेश मिश्र जी ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपस्थित जनों को मौन धारण करवाकर श्रद्धांजलि दी तत्पश्चात उपस्थित सदस्य एवं समाज के सदस्यों ,परिवार जनों ने दिवंगत आत्माओं को पुष्प अर्पित करके अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए । कार्यक्रम के संयोजक अजय अवस्थी ‘किरण’, देवेंद्र पाठक, नीता अवस्थी एवं अर्चना त्रिवेदी थे और इस अवसर पर कान्यकुब्ज सभा एवं शिक्षा मंडल के सभी पदाधिकारी कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे।

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