सफलता प्राप्त करने के 5 सूत्र – बीके संतोषी दीदी


10 जुलाई 2024, बिलासपुर। कोई जितना ज़्यादा आपके बारे में जानता है, उतना ही उसके लिए आप तक पहुँच पाना आसान होता है। आप अपनी सोशल मीडिया सेटिंग को निजी रखकर अपनी निजी जानकारी की सुरक्षा कर सकते हैं। इसके अलावा, ऑनलाइन या फ़ोन पर आप जो कुछ भी शेयर करते हैं, उसके बारे में सावधान रहें। ऑनलाइन ठगी करने वाले लोगों ने अब एक नया तरीका ढूंढ लिया है। स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पास ठग बोर्ड परीक्षा में पास करने की बात करके उन्हें अपने झांसे में फंसा लेते हैं। विद्यार्थियों से प्रति विषय में पास करने या नम्बर बढ़ाने के लिए पैसे मंगाते है। आप इन बातों से डरे बिना अपने माता-पिता एवं शिक्षकों को इसकी जानकारी अवश्य दे।
उक्त वक्तव्य प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय बिलासपुर की मुख्य शाखा टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके संतोषी दीदी ने पुलिस अधीक्षक के द्वारा चलाए जा रहे अभियान चेतना के अंतर्गत “साइबर की पाठशाला” में देवकीनंदन एवं राजेंद्र नगर स्थित गजानंद सारथी स्कूल में कहीं। दीदी ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में सफलता एक मंजिल नहीं बल्कि एक यात्रा है। स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करके, समय का सही उपयोग करके, सीखने में निरन्तर सक्रियता और विकास की मानसिकता को अपनाकर विद्यार्थी एक उज्ज्वल भविष्य के लिए अपना रास्ता बना सकते हैं। संतोषी दीदी ने विद्यार्थी जीवन  में सफलता प्राप्त करने के 5 सूत्र बताते हुए कहा कि
सर्वप्रथम विद्यार्थी *स्पष्ट लक्ष्य* निर्धारित करें। सफलता की शुरुआत उद्देश्य की स्पष्ट समझ से होती है। छात्रों को अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए। चाहे किसी परीक्षा में सफल होना हो, किसी विशिष्ट करियर पथ पर चलना हो, या कोई विशेष कौशल विकसित करना हो, उद्देश्य स्पष्ट रखने से दिशा और प्रेरणा मिलती है। जैसा कि लुईस कैरोल की प्रसिद्ध कहावत है, “यदि आप नहीं जानते कि आप कहाँ जा रहे हैं, तो कोई भी सड़क आपको वहाँ ले जाएगी।”
*दूसरा समय प्रबंधन* हो। समय प्रबंधन विद्यार्थी जीवन में ही नहीं बल्कि उसके बाद की गतिविधियों और व्यक्तिगत जीवन को संतुलित करने की कुंजी है। विद्यार्थीयों को एक शेड्यूल बनाना चाहिए, अध्ययन, अवकाश और आराम के लिए समय निश्चित करना चाहिए और उसका पालन करना चाहिए। समय प्रबंधन न केवल क्रिएटीविटी बढ़ाता है बल्कि तनाव भी कम करता है।
*तीसरा निरन्तर सक्रियता।* सिर्फ कक्षा में ही पार्टिसिपेट नहीं करना है बल्कि किसी से प्रश्न पूछकर, डिस्कसन में भाग लेकर और आवश्यकता पड़ने पर स्पष्टीकरण मांगकर सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
*चौथा शिक्षकों से मार्गदर्शन लें*। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए शिक्षकों से मार्गदर्शन लें। वे अपनी मूल्यवान राय प्रदान कर हमारे जीवन में आने वाली शैक्षणिक चुनौतियों का सामना करने में सहायता प्रदान कर सकते हैं।
*पांचवा असफलता को गले लगाओ*। असफलता जीवन का एक अपरिहार्य हिस्सा है। इससे डरने के बजाय असफलता को एक बहुमूल्य सीखने के अनुभव के रूप में अपनाएं। अध्ययन करें कि क्या ग़लत हुआ उस गलती का दृढ़ता पूर्वक सुधार करें।
साइबर की पाठशाला में अंजू दुआ, देवकीनंदन स्कूल के प्राचार्य सचिन शर्मा जी व शिक्षकगण एवं राजेंद्र नगर स्थित गजानंद सारथी स्कूल के प्राचार्य मोहनलाल पटेल जी व शिक्षकगण उपस्थित रहे।

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