
बिलासपुर। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के दसवें दीक्षांत समारोह में हिस्सा तथा विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान करने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु चंद्रयान मिशन के माध्यम से जीवन की सफलताओं के बारे में बताए। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के चंद्रयान ने चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग की। इस पर काम होता रहा। मार्ग में रूकावटें आती रहीं लेकिन हम नहीं रूके। ऐसा व्यक्तिगत जीवन में भी होता है। निरंतर दक्षता के साथ परिश्रम करते रहें तात्कालिक असफलता से कभी हताश न हो, चुनौतियाँ हमारे जीवन में आती हैं तो नये मौके भी लाती हैं। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति ने इस अवसर पर 2946 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की। समारोह में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया।
राष्ट्रपति ने इस विश्वविद्यालय का महत्व इसलिए है इनका नाम गुरु घासीदास के नाम पर है। उन्होंने मनखे मनखे एक समान का संदेश दिया। समानता के आदर्शों पर चलकर सुख के रास्ते पर चला जा सकता और सभ्य समाज का निर्माण इसी से है।
इस मौके पर राष्ट्रपति ने स्वामी विवेकानंद को भी याद किया। उन्होंने कहा कि रायपुर का हवाई अड्डा स्वामी विवेकानंद के नाम पर है।
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले 76 विद्यार्थियों में 45 छात्राएं हैं जो कुल संख्या का लगभग 60 प्रतिशत है। विश्वविद्यालय में 47 प्रतिशत छात्राएं पढ़ रही हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह बड़ा कदम है। अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार चक्रवाल ने विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालय अनेक उपलब्धियों को बताया। समारोह में विशेष अतिथि के रूप में केंद्रीय जनजाति विकास राज्यमंत्री रेणुका सिंह मौजूद रहीं। साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, नगर निगम बिलासपुर के महापौर रामशरण यादव, बिलासपुर सांसद अरुण साव, दुर्ग सांसद विजय बघेल, बिलासपुर विधायक शैलेश पाण्डेय, तखतपुर विधायक रश्मि आशीष सिंह, बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, बेलतरा विधायक रजनीश सिंह, राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष नन्द कुमार साय, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, सहित अनेक जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थी।