
जांजगीर: हम बात कर रहे है यैसे शक्श की जो अपने शरीर को मरणोपरांत दान कर दिया यैसे इंसान समाज मे इतना बड़ा उदाहरण पेश किया कि आजकल देखेगे सभी अपने लिए जीते है पर दुसरो के लिए जिये वही इंसान है जो दिया वही आप का कर्म है इसी को साबित कर दिखाया है जांजगीर के प्रधान आरक्षण रेख राज ध्रुव ने बगल में उनकी पत्नी ज्योति वैष्णव जो एडवोकेट है श्रीसूर्या पुष्पा फाउंडेशन की जांजगीर प्रेसीडेंट है वह भी बहुत समाज सेवा में रहती है।
दूसरों को तकलीफ में देखकर किसी के सीने में भी दर्द का एहसास हो और वो खुद ब खुद जरूरतमंद की मदद के लिए आगे बढ़ तो सही मायने में यही इंसानियत है। कुछ इसी तरह इंसानियत की मिसाल पुलिस विभाग के प्रधान आरक्षक रेखराज धु्रव ने कायम की है। उन्होंने मरणोपरांत देहदान की घोषणा की है, ताकि उसके शरीर में प्रयोग कर भावी डॉक्टर जरूरतमंदों की जान बचा सके। इसी सोच के साथ प्रधान आरक्षक ने देहदान कर समाज में एक मिशाल पेश किया है। प्रधान आरक्षक का मानना है कि वैसे भी नश्वर शरीर मरणोपरांत पंचतत्व में विलीन हो जाता है। यदि मरने के बाद भी यह शरीर यदि किसी के काम आ जाए तो उससे बड़ा पुण्य का काम कोई दूसरा नहीं हो सकता। इसी सोच के साथ प्रधान आरक्षक ने अपना देहदान करते हुए समाज को संदेश दिया है।