भगवान परशुराम का प्रगट उत्सव तीन दिवसीय भव्य आयोजन के साथ मनाया जावेगा

बिलासपुर ।विकास नगर 27 खोली स्थित पूर्व विधायक चन्द्र प्रकाश बाजपेयी परिषद में भगवान परशुराम प्रकतोत्सव शोभायात्रा मनाने समग्र ब्राह्मण समाज संग परशुसेना सनातन धर्म के अनुयायियों में से संरक्षक सर्वश्री आचार्य पं गिरधर शर्मा,राम प्रसाद शुक्ला,अध्यक्ष छ ग ब्राह्मण डॉ प्रदीप शुक्ला,अध्यक्ष कान्यकुब्ज पं अरविंद दीक्षित,उड़िया ब्राह्मण अध्यक्ष अमित मिश्रा,बी महेश तेलगू ब्राह्मण,श्रीराम परसाई जिझोतिया समाज,सच्चिदानंद तिवारी सरजुपारी ब्राह्मण,रिखेंद्र तिवारी वर्ल्ड ब्राह्मण,बी के पांडेय अध्यक्ष प्रांतीय कान्यकुब्ज समाज,स्वपनिल शुक्ला महामंत्री सर्व ब्राह्मण समाज,मनोज शुक्ला सचिव कान्य कुब्ज समाज,विभा गौराहा छग महिला ब्राह्मण समाज,डॉ उषा किरण बाजपेयी पूर्व अध्यक्ष महिला कान्यकुब्ज समाज,महेश भार्गव भार्गव समाज,महेश शर्मा गौड़ ब्राह्मण,टू टू अनुराग मिश्रा अधिवक्ता सहित समग्र ब्राह्मण समाज संग परशुसेना के पं विनय शर्मा. ने विस्तार से शोभा यात्रा की रूपरेखा रखी समस्त विप्र समाज ने सर्व सहमति से निर्णय लिया की भगवान परशुराम का जन्मोत्सव भक्ति मय वातावरण के साथ तीन दिवसीय जन्म उत्सव आयोजन 9 मई को सामाजिक भवन लोखंडी में भगवान परशुराम जी की पूजा अर्चना अभिषेक से प्रारम्भ होगा, 10 मई को रक्तदान शिविर, सुबह राजकिसोर नगर परशुराम चौक में पूजा आराधना हेलमेट पहनकर बाइक रैली,कान्यकुब्ज भवन एवं मारवाड़ी ब्राह्मण समाज इमली पारा में ध्वज अर्पित करने के बाद विधि विधान से भगवान श्री हरि के छठवें अवतार भगवान परशुराम की पूजा,अर्चना,अभिषेक,शृंगार व यज्ञ हवन भंडारा का भव्य आयोजन आयोजित है संध्या मंत्रोचारण सहित प्रत्येक घरों में 11 दीपक जलाकर विश्व कल्याण की कामना,प्रार्थना की जावेगी।
11 मई को नगर स्थित शीतला माता मंदिर दयालबंद से भव्य शोभा यात्रा पूजन अर्चन के बाद निकलेगी गाँधी चौक,जूनाबिलासपुर,गोलबाज़ार,सदर बाज़ार होते हुये देवकीनन्दन स्कूल में धर्म सभा एवं प्रतिभा सम्मान महामंडलेश्वर श्री रामभूषण दास जी महाराज शांति कुटी अमरकण्टक वाले जी के संदेश से सम्पन्न होगी ।

कार्यक्रम का संचालन करते हुये चन्द्र प्रकाश बाजपेयी ने बतलाया कि परशुराम का शाब्दिक अर्थ फरसा लिये हुये राम है वे शिवभक्त थे शिव ने ही उन्हें फरसा प्रदान किया था । भगवान शिव ने ही युद्ध कौशल सिखाया था । फरसा रखने के कारण वे परशुराम कहलाये वे ऋषि जमदग़्नि व माता रेणुका देवी के पुत्र थे और असत्य के घोर विरोधी थे । वे राष्ट्र रक्षा और लोक कल्याण हेतु सहस्त्रार्जुन का संहार,बलि प्रथा पर रोक,दलितों की रक्षा,वसुधैव कुटुम्बकं सामाजिक क्रांति के प्रणेता अन्याय हंता शस्त्र और शास्त्र के समन्वय थे इस कारण वे विप्रजनो के आराध्य भी है । उसी कड़ी पर समग्र विप्र प्रमुखों ने भी विचार रखे । सभा का आभार प्रदर्शन अखिलेश चन्द्र प्रदीप बाजपेयी ने किया ।

बैठक में प्रमुख रूप से डॉप्रभाकर पांडेय,राजीव नयन शर्मा,राकेश गौराहा,प्रतीक शुक्ला,डॉ उषाकिरण बाजपेयी,श्रवण चतुर्वेदी,गोपाल मिश्रा,संदीप बाजपेयी,श्रवण चतुर्वेदी,रेखेंद्र तिवारी,.ऋषभ चतुर्वेदी,अमित शुक्ला,श्रीमती हेमलता तिवारी,शर्मिला मिश्रा,भावना बाजपेयी,आर्यवीर चतुर्वेदी,प्रतीक तिवारी,रितेश उपाध्याय,आशुतोष तिवारी,ओम प्रकाश गौराहा,अश्वनी पांडेय,रमेश कुमार शुक्ला,अनिरुद्ध मिश्रा,पिंकू अवस्थी,विजय नारायण मिश्रा,संजय तिवारी.श्याम सुंदर तिवारी,शिव प्रकाश तिवारी,राकेश कुमार गौराहा,विकाश दीक्षित,डॉ गीता तिवारी,शेलेंद्र शुक्ला,रमेश कुमार तिवारी,वीणा तिवारी,प्रभा दुबे,अनुराग मिश्रा,अमित शुक्ला,विवेक दुबे,मनीष कुमार शर्मा,ऋषभ चतुर्वेदी,राजेश शुक्ला,अमर अवस्थी,प्रभात अवस्थी,चन्द्र मोहन बाजपेयी,श्रीमती शिखा,शत्रुघन,हर्षा,सृष्टि गोस्वामी,पार्वती,मनहरण गोस्वामी.सहित भारी संखिया में विप्रजन उपस्थित रहे ।

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