रंगमंच को जीते हैं उमाकांत 65 वर्षों से रूप सज्जा के कार्य में

बिलासपुर/एक नाटक के मंचन के पीछे अनेक ऐसे कलाकार होते हैं जिनका नाम तक नहीं होता ।ऐसे ही कलाकार उमाकांत खरे जी हैं जो 65 वर्षों से रूप सज्जा करते आ रहे हैं।
वे नाट्य संस्थाओं के मंचन में रूपसज्जा कर रहे हैं।अब तक 60 हजार मेकअप वे कर चुके हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।गत दिनों आदर्श कला मंदिर ने अपनी स्थापना का स्वर्ण जयंती महोत्सव तीन दिवसीय भरत नाट्य उत्सव के रूप में सिम्स आडिटोरियम में मनाया।इसमें उनका सम्मान भी किया गया।
श्री खरे ने इसी मौके पर बताया कि सन् 1960 से वे रूप सज्जा का कार्य कर रहे हैं।सन् 1976 से वे आदर्श कला मंदिर से जुड़े।भरत नाट्य महोत्सव में प्रदेश से आई तीन मंडलियों ने नाट्य मंचन किया।इसमें राजा राजपाल मटक मल्लू एवं दो अन्य नाटक शामिल थे।
श्री उमाकांत जी की बायपास सर्जरी भी हो चुकी है।वे रंगमंच को जीते हैं और रंगमंच ही उनका जीवन है।

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